ज़ियारत (19)
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धार्मिकमुश्केलात मे इमाम ज़माना (अ) से मदद और राब्ता कैसे हासिल करे?
हौज़ा / मुशकेलात को क़बूल करना, ख़ास दुआओं और ज़ियारतों का एहतमाम करना, नमाज़-ए-इस्तेग़ासा और इमाम-ए-ज़माना (अ) की मारफ़त में इज़ाफ़ा ये सब बातें दिल को सुकून देती हैं और दुनिया की सख्तियों को…
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धार्मिकहज़रत मासूमा स की ज़ियारत का फल जन्नत और क़यामत के दिन सिफ़ारिश
हौज़ा / मासूमीनीन अ.ल. के अनुसार, हज़रत फ़ातिमा मासूमा (स) की ज़ियारत स्वर्ग की गारंटी है। वह एक ऐसी महिला हैं जिन्होंने अपनी उपासना, भक्ति और सिफ़ारिश के पद के कारण शिया धर्म के इतिहास में एक…
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धार्मिकविद्वानो के वाक़ेआत । इमाम हुसैन (अ) की ज़ियारत से ज़्यादा महत्वपूर्ण काम
हौज़ा / हुज्जतुल-इस्लाम हाजी महदी अहमदी मियांजी बयान करते हैं: आयतुल्लाह अली अहमदी मियांजी, मक्का और मदीना की तीर्थयात्रा में रुचि रखने के बावजूद, तबलीग़ और मार्गदर्शन के लिए रमज़ान के महीने…
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धार्मिकज़ियारत ए आशूरा के जुमले में इमाम हुसैननؑ अ.स.की अज़ीम मुसीबत का ज़िक्र
हौज़ा / ज़ियारते आशूरा के मशहूर फ़र्क़े «या आबाअब्दुल्लाह लक़द अज़मत अलरज़ीया» में इस हक़ीक़त का इतिराफ़ किया गया है कि इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और आपके अहले बैतؑ की शहादत ऐसी अज़ीम और दिल दहलाने…
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धार्मिकज़ियारत में सभी की नियाबत कैसे करें?
हौज़ा / तवाफ़ और सलाम के अनगिनत अनुरोधों का जवाब कैसे दें? इमाम मूसा काज़िम (अ) का मार्गदर्शन: मक्का और मदीना में एक बार किया जाने वाला एक कार्य, जिसमें न केवल पिता और माता का, बल्कि सभी साथी…
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दिन की हदीसः
धार्मिकसाल में कम से कम एक बार इमाम हुसैन (अ) की क़ब्र की ज़ियारत पर ताकीद
हौज़ा/ इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने एक रिवायत में साल में कम से कम एक बार इमाम हुसैन (अ) की क़ब्र की ज़ियारत करने पर ज़ोर दिया है।
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धार्मिकशरई अहकाम । अरबईन के सफ़र के लिए क़र्ज़ लेने का शरई हुक्म
हौज़ा/ आयतुल्लाहिल उज़्मा मकारिम शिराज़ी ने अरबईन के सफ़र के लिए क़र्ज़ लेने पर शरई हुक्म के बारे में एक परामर्श का जवाब दिया है।
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दिन की हदीसः
धार्मिकसय्यद उश शोहदा (अ) की ज़ियारत की अनमोल फ़ज़ीलत
हौज़ा / इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने एक रिवायत मे इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) की ज़ियारत की अनमोल फ़ज़ीलत बयान फ़रमाई है।
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धार्मिकइन कामों से अपनी उम्र बढ़ाएं
हौज़ा /इस्लामी रिवायतो के अनुसार, कुछ ऐसे काम हैं, जिन्हें अपनाने से व्यक्ति की उम्र बढ़ती है और उसके जीवन में बरकत आती है। आज की भागदौड़ भरी दुनिया में यह जानना जरूरी है कि कौन से काम न सिर्फ…
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धार्मिकज़ियारत या इंफ़ाक़, किसे तरजीह दें?
हौज़ा / वर्तमान युग में मुसलमानों के बीच एक महत्वपूर्ण प्रश्न यह उठ खड़ा हुआ है कि क्या ज़ियारत जैसे आध्यात्मिक कार्यों को प्राथमिकता दी जाए या फिर इंफ़ाक को, दूसरों की सेवा करना और कल्याणकारी…
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भारतकब्रों पर जाना एक धार्मिक कार्य है: मौलाना इब्न हसन अमलोवी
हौज़ा / इस्लामी शिक्षाएँ सांसारिक जीवन के साथ-साथ परलोक की तैयारी पर भी जोर देती हैं। इस संबंध में कब्रिस्तानों का महत्व एक मुस्लिम तथ्य है, क्योंकि यह वह स्थान है जहां प्रत्येक मुसलमान अपना…