ज़ुल्म (6)
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दुनियानबियों की सरज़मीन बारूद और मज़लूमों के खून से भर गई, लेकिन दुनिया टस से मस नहीं हुई
हौज़ा / अल्लामा सय्यद साजिद अली नक़वी ने कहा: थोपे गए तथाकथित शांति समझौते के बावजूद, इज़राइली शासन का ज़ुल्म जारी है। बयानों के साथ-साथ ज़मीन को बचाने के लिए प्रैक्टिकल कदम भी ज़रूरी हैं।
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धार्मिकअल्लाह ज़ुल्म को तुरंत क्यों नहीं रोकता?
हौज़ा/ यह सवाल सदियों से उठाया जाता रहा है कि अल्लाह दुनिया में ज़ुल्म को तुरंत क्यों नहीं रोकता? धर्मगुरुओं के अनुसार, इसका बेसिक जवाब यह है कि अल्लाह ने इंसान को समझ और अधिकार दिया है, और आज़ादी…
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गैलरीवीडियो / महिला और संतान पर अत्याचार के प्रभाव
हौज़ा / डॉ़ हुसैनी कज़्वीनी ने महिला और संतान पर अत्याचार के प्रभाव से संबंधित सवालो का जवाब दिया है
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धार्मिकमहिलाओं के लिए खुत्बा ए फ़दकिया की शिक्षाएँ!
हौज़ा/ हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (सला मुल्ला अलैहा) का फ़दक वाला खुत्बा न सिर्फ़ राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर रोशनी डालता है, बल्कि इसमें महिलाओं के लिए आध्यात्मिक, नैतिक और सामाजिक शिक्षाएँ भी शामिल…
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महिलाओं का इतिहास, भाग - 5
बच्चे और महिलाएंप्राचीन ग्रीस और रोम में महिलाओं की लाचारी और उत्पीड़न की कहानी
हौज़ा / रोम और ग्रीस के पुराने समाजों में औरतों को मा तहत, बे‑इख़्तियार और अमूल्य प्राणी समझा जाता था। उनकी ज़िंदगी के तमाम मामलात चाहे इरादा हो, शादी, तलाक़ या माल‑ओ‑जायदाद सब मर्दों के इख़्तियार…