हौज़ा / जब तक वूज़ु बातिल नही होता और यहां तक कुछ दिन भी अगर वूज़ु बाकी रहता हैं, तो आप नमाज़ पढ़ सकते हैं।
हौज़ा / तमाम मरजय इकराम: जी हां यही सलाम पढ़ लेना काफी है लेकिन बेहतर है पहले दो सलाम को भी अदा करना चाहिए।