हौज़ा/ कर्बला के मैदान में छह महीने के हज़रत अली असगर (अ) की शहादत इंसानियत के इतिहास का एक दर्दनाक अध्याय है जिसने ज़ुल्म और ज़ुल्म के सामने सच्चाई, सब्र और कुर्बानी का हमेशा रहने वाला संदेश…