हौज़ा/ पैग़म्बर मुहम्मद (स) ने एक हदीस में माता-पिता को प्रेम से देखना एक मूल्यवान इबादत माना है।
हौज़ा / इमाम हसन असकरी (अ) ने एक रिवायत में दूसरों को नसीहत करने का तरीक़ा बयान फ़रमाया है।
हौज़ा / इमाम अली (अ) ने एक रिवायत मे मनुष्य के लिए सबसे बड़ी नेमत की ओर इशारा किया हैं।