हौज़ा/इस्तेग़फ़ार, तौबा का ज़रूरी हिस्सा है। तौबा यानी अल्लाह की ओर पलटना, इस लिए तौबा का एक लाज़मी हिस्सा इस्तेग़फ़ार हैं।