हौज़ा / हजरत आयतुल्लाह जवादी आमोली ने कहा: जो व्यक्ति अपने दिल को लापरवाही से, अपनी नफ़्स (आत्मा) को हवस से, अपने सोचने-समझने वाले दिमाग को असली जंगलीपन से और अपने अमली दिमाग को व्यवहार में जंगलीपन…