۱۵ تیر ۱۴۰۳
|۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 5, 2024
दिल से तौबा करनी चाहिए
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तौबा सच्ची हो तो अल्लाह तआला गुनाह माफ़ कर देता हैं
हौज़ा/हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने कहां,ध्यान दीजिए कि इंसान इसी तरह ज़बान से कहता रहेः अस्तग़फ़िरुल्लाह, अस्तग़फ़िरुल्लाह, अस्तग़फ़िरुल्लाह लेकिन उसका ज़ेहन और उसका ध्यान इधर उधर रहे तो इसका कोई फ़ायदा नहीं है ये तौबा नहीं है।