हौज़ा/हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने कहां,ध्यान दीजिए कि इंसान इसी तरह ज़बान से कहता रहेः अस्तग़फ़िरुल्लाह, अस्तग़फ़िरुल्लाह, अस्तग़फ़िरुल्लाह लेकिन उसका ज़ेहन और उसका ध्यान इधर…