۲ آذر ۱۴۰۳
|۲۰ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 22, 2024
देखभाल ज़रूरी हैं।
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इस्लामी घराना:
औरत एक फूल है जिसकी देखभाल ज़रूरी हैं।
हौज़ा/हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने कहां,इस्लाम की नज़र में घर के अंदर भी मर्द, इस बात का पाबंद है कि औरत की देखभाल एक फूल की तरह करे। मासूम का क़ौल है: "अलमरअतो रैहाना" औरत फूल है। यह राजनीतिक, सामाजिक, तालीमी मैदानों और विभिन्न सामाजिक-राजनीतिक जद्दोजहद की बात नहीं, यह पारिवार के अंदर की बात हैं।