धर्मनिष्ठा
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ज़ायोनीवादियों ने 219वीं बार फ़िलिस्तीनी गाँव को नष्ट कर दिया
हौज़ा / ज़ायोनी सरकारी बलों ने कब्जे वाले क्षेत्रों के दक्षिण में एक फ़िलिस्तीनी गाँव पर हमला किया, और 219वीं बार गाँव को नष्ट कर दिया।
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हुज्जतुल इस्लाम मीर बाक़ेरीः
हज़रत ज़हरा ने कुरान की किस आयत के साथ अपने दुश्मनों के सामने पक्ष रखा ?
हौज़ा / हौज़ा ए इल्मिया क़ुम के शिक्षक ने यह बयान करते हुए कहा कि रसूल अल्लाह (स.अ.व.व.) के इस संसार से चले जाने के पश्चात जो घटना घटी और हजरत जहरा (स.अ.) ने क्यो पक्ष रखा और क्यो उस मार्ग मे शहीद हो गई? इन घटनाओ को समझने के लिए हमे सर्वप्रथम रसूल अल्लाह (स.अ.व.व.) और हजरत ज़हरा (स.अ.) की महानता को जानना चाहिए।
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मुंबई में भारत का पहला गेट "बाबे शोहदा ए कर्बला" का उद्घाटन
हौज़ा / मुंबई में उलेमा और खोजा फेडरेशन द्वारा आयोजित ईदे मिलादुन्नबी (स.अ.व.व.) के अवसर पर "बाबे शोहदा ए कर्बला" का उद्घाटन किया गया है।
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मजमा-ए उलेमा खुतबा मुंबई:
औक़ाफ़ के मुतावल्लियो ने दुसाहसि वसीम रिज़वी के पक्ष में मतदान करके साबित कर दिया कि उनकी नजर मे कुरान और अहलेबेैत (अ.स.) का कोई महत्व नहीं हैं।
हौज़ा / मजमा-ए उलेमा खुतबा की तमाम खुतबा, मोमेनीन, अंजुमनो और धार्मिक संस्थाओं से अपील करता है। कि सब मिलकर एक साथ विरोध करे उनका सामाजिक बहिष्कार हो। उन्हें मस्जिदों, इमामबाड़ों और अन्य धार्मिक केंद्रों और संस्थानों से दूर रखा जाए। उन्हें किसी भी तरह के कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाए, उनके यहां किसी मजलिस या महफिल को संबोधित नहीं किया जाए। उनकी देखरेख में किसी भी प्रकार का कोई चंदा न दिया जाए।
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आयतुल्लाह हाफ़िज़ बशीर नज़फ़ी:
अल्लाह और पैगंबर (स.अ.व.व.) के बाद, अहलेबेैत (अ.स.) ही हमारे हक़ीक़ी रहबर है और तक़वे के बिना अमल का कोई फ़ायदा नही
हौज़ा / मरज-ए आली क़द्र ने अपने बयान में कहा कि अल्लाह और पवित्र पैगंबर (स.अ.व.व.) के बाद, अहलेबेैत (अ.स.) हमारे हक़ीक़ी रहबर है और जरूरी भी है कि हम उन्हें अपनी दुनिया और आख़ेरत के लिए हक़ीक़ी रहबर माने, क्योंकि वे हमारे लिए नमून-ए अमल हैं, दिव्य मार्ग है, मोक्ष का साधन है। उनके शब्दों और कर्मों का पालन करने का अर्थ है मौक्ष और बंदगी।