۱ آذر ۱۴۰۳
|۱۹ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 21, 2024
ना महरम औरतों
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शरई अहकामः
पुरुषों के लिए अहले-बैत (अ) की मजलिस में गैर-महरम महिलाओं के रोने की आवाज सुनने का क्या हुक्म है?
हौज़ा | जब तक इसमें कोई बुराई या भ्रष्टाचार न हो तब तक इसमें कोई बुराई नहीं है।
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शरई अहकाम:
ना महरम औरतों को देखने की क्या सीमा हैं?
हौज़ा / मर्द के लिए किसी ना महरम औरत के चेहरे और हाथों के अलावा उसके जिस्म या बालों को देखना जायज़ नहीं है चाहे यह देखना लज्ज़त जींसी(जिस्मी)और खौफ फितना रखता हो या उसके बगैर हो जबकि यौन का इरादा या लज्ज़ते जींसी के साथ तो चेहरा और हाथ देखना भी हराम हैं।