हौज़ा / यह आयत हमें सिखाती है कि हमें सदैव निष्पक्षता और ईमानदारी का परिचय देना चाहिए। अपनी गलतियों को स्वीकार करना और सुधार करना सही रास्ता है। किसी निर्दोष व्यक्ति पर आरोप लगाना न केवल पाप…
हौज़ा/अमीरुल मोमिनीन इमाम अली (अ) ने एक रिवायत में खामियों को छिपाने का तरीका बताया है।