हौज़ा /नैतिकता की शिक्षा के माध्यम से मानव स्वभाव और उसकी आध्यात्मिक और प्राकृतिक प्रवृत्ति को संगठित करना और उपदेशों के माध्यम से दिलों को राजी करना इमाम खुमैनी (र.अ.) की पद्धति थी।