۴ آذر ۱۴۰۳
|۲۲ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 24, 2024
परलोक
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इत्रे क़ुरआनः
सूर ए बकरा: पुनरुत्थान एक महान दिन है जिसका सभी को सामना करना होगा
हौज़ा / इस दिन किसी की सिफ़ारिश किसी के लिए फ़ायदेमंद नहीं होगी। इस दिन क़ुरआन और नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर ईमान लाने वालों के लिए मुक्ति का कोई रास्ता नहीं होगा।
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दिन की हदीसः
आख़ेरत "परलोक" की नेअमतो को प्राप्त करने का तरीक़ा
हौज़ा / हज़रत इमाम अली (अ.स.) ने एक रिवायत में आख़ेरत की नेअमतो को हासिल करने का तरीका बताया है।
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दिन की हदीसः
परलोक के बारे में अमीरूल मोमेनीन (अ.स.) की सलाह
हौज़ा / हज़रत इमाम अली (अ.स.) ने एक रिवायत में परलोक के लिए ज़ादे राह अर्थात अच्छे कर्म इकट्ठा करने की सलाह दी है।
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इमाम अली (अ.स.) की सलाह जिसे आप हर रात दोहराते थे
हौज़ा / हजरत मासूमा ए क़ुम (स.अ.) के हरम के ख़तीब ने कहा: इमाम अली (अ.स.) के सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक हमेशा मस्जिद में लोगों को उपदेश देना था। हर रात ईशा की नमाज़ के बाद लोगो को नसीहत करते और बुलंद आवाज से कहते थे, "आखिर के लिए ज़ादे राह मोहय्या करो, क्योंकि इस दुनिया से कूच की आवाज हमेशा आ रही है।"