हौज़ा / शाफीक मां हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा की शहादत का दिन है। हालांकि इस महान हस्ती ने इस नश्वर संसार में बहुत कम समय बिताया किन्तु उनका अस्तित्व इस्लाम और मुसलमानों को बहुत से फ़ायदे…
हौज़ा / कुरआन और हदीस कि रौशानी में, ईमानदारों पर यह ज़िम्मेदारी है कि वे न सिर्फ अपनी, बल्कि अपने परिवार की आध्यात्मिक शिक्षा और आख़िरत की सफलता के लिए भी गंभीर प्रयास करें।