۱۳ تیر ۱۴۰۳
|۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 3, 2024
पवित्र प्रतिरक्षा
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दिन की हदीसः
इस्लाम में योद्धा का महत्व
हौज़ा / हज़रत इमाम अली (अ) ने एक रिवायत में इस्लाम में योद्धा की स्थिति का संकेत दिया है।
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मासूमीन (अ) के हरम का बचाव करने वाले शहीद न होते तो आईएसआईएस इस समय हमारे देश में होता
हौज़ा/हुज्जतुल इस्लाम वल-मुस्लेमीन शकरी ने कहा: अगर अहले-बैत (अ) की दरगाह की रक्षा करने वाले शहीद नहीं होते, तो आईएसआईएस आतंकवादी गुट इस समय हमारे देश में मौजूद होता।
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हमें नई पीढ़ी को प्रोत्साहित करना चाहिए, आयतुल्लाह आराफ़ी
हौज़ा / हौज़ा ए इल्मिया के संरक्षक ने कहा: हमें नई पीढ़ी को प्रोत्साहित करना चाहिए क्योंकि आज का युवा क्रांति और पवित्र प्रतिरक्षा युग के युवाओं से अलग नहीं है बल्कि कुछ मायनों में उनसे बेहतर है क्योंकि आज के युवा को कई भ्रामक हमलो का सामना हैं। क्रांति और पवित्र प्रतिरक्षा युग के युवाओ को सामना नहीं करना पड़ा।