۲ آذر ۱۴۰۳
|۲۰ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 22, 2024
पूर्वांचल
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"क्या ज़माने मे पनपने की यहीं बाते है?", मजमा ए उलेमा और वाएज़ीन पूर्वांचल
हौज़ा/ साम्प्रदायिकता और उकसावे आदि के द्वारा देश की शान्ति को भंग कर जिस प्रकार सत्ता स्थापित की जा रही है या स्थापित की गई है, वह देश और राष्ट्र के लिए विष है।
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पूर्वांचल के शिया विद्वानो की भारत सरकार से मांगः
त्रिपुरा में मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों का सिलसिला तुरंत बंद किया जाए
हौज़ा / जिस तरह अफगानिस्तान में कंधार और कुंदुज में शिया मस्जिदों के अंदर शुक्रवार की नमाज के दौरान आत्मघाती हमले असहनीय हैं, उसी तरह त्रिपुरा की मस्जिदों की शहादत और मुसलमानों पर होने वाले अत्याचारों की घटनाएं हैं।