हौज़ा/ युवाओं का निजी जीवन पूरी तरह से स्वतंत्र नहीं, बल्कि निर्देशित होना चाहिए। कमरों और डिजिटल उपकरणों के उपयोग को स्पष्ट रूप से सीमित करके, निजी स्थानों के निर्माण को रोककर, और क्रमिक पर्यवेक्षण…
हौज़ा / संसार के अंधकार में भटकती मानवता की आत्मा हर रात के एकांत में यह प्रश्न पूछती है: वह प्रकाश कहां है जिसका वादा किया गया था? वह दर्शन कब होगा जिसकी हर दिल को आशा है?