फ़तवा
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शरई अहकामः
क्या मजलिसो मे ``या अली मदद'' कहना या ``नारा ए हैदरी'' लगाना जायज़ है?
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा हाफ़िज़ बशीर हुसैन नजफ़ी से पूछा गया सवाल और उसका जवाब: क्या मजलिसो में "या अली मदद" कहना या "नारा ए हैदरी" लगाना जायज़ है?
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शरई अहकामः
अज़ादारी के जुलूसो मे तब्ल, बूक़ और इसी तरह के उपकरणों के उपयोग का क्या हुक्म है?
हौज़ा / हौज़ा ए इल्मीया नजफ़ अशरफ़ के प्रसिद्ध शिया आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सीस्तानी ने अज़ादारी के जुलूसो मे तब्ल और बूक़ और इन्ही जैसे उपकरणो के बजाने के संबंध मे पूछे गए सवाल का जवाब दिया है।
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अमेरिका ने माना, ईरान परमाणु हथियार नहीं चाहता
हौज़ा / पश्चिमी और ज़ायोनी अधिकारियों के दावों के बावजूद, अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसियों ने स्वीकार किया है कि ईरान परमाणु हथियार नहीं चाहता है।
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आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली हुसैनी सिस्तानी का फ़तवाः
खुम्स के इजाज़े के संबंध में आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली सिस्तानी का इस्तिफ़्ता
हौज़ा / भारत मे हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सिस्तानी दामा ज़िल्लोह के वकील मुतलक़ हज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन सैयद अहमद अली आबिदी ने ख़ुम्स के इजाज़े के संबंध में आयतुल्लाह सिस्तानी के कार्यालय से इस्तिफ़्ता (सवाल) किया है।
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शरई अहकाम । वस्वासी शख़्स का फ़रीज़ा
हौज़ा / ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने वस्वासी शख़्स के फ़रीज़े से संबंधित पूछे गए सवाल का जवाब दिया है।
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शरई अहकाम । इख़्तियारी वतन
हौज़ा / ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने इख़्तियारी वतन के संबंध मे पूछे गए प्रश्न का उत्तर दिया है।
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शरई अहकाम । मीरास की क़ीमत की बढ़ोतरी में ख़ुम्स
हौज़ा/ ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने मीरास की क़ीमत की बढ़ोतरी के संबंध मे पूछे गए सवाल का जवाब दिया है।
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जन्नत अल-बक़ी की तीर्थयात्रा के बारे में दार अल-इफ्ता मिस्र का महत्वपूर्ण फतवा
हौज़ा / दार अल-इफ्ता मिस्र ने हज की रस्में करने के बाद जन्नत अल-बकी जाने के संबंध में बैतुल्लाह अल-हरम के तीर्थयात्रियों के सवाल का जवाब दिया है।
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सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई का फतवाः
शरई अहकाम: अस्थमा का स्प्रे
हौज़ा / रोज़े की हालत मे दवा स्वरूप दमे की बीमारी के स्प्रे का इस्तेमाल करने मे कोई मुश्किल नही है और रोज़ा बातिल होने का भी कारण नही है।
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फ़तवा एक विशेषता है जिसके लिए अनुमति की आवश्यकता होती है, मिस्री मुफ्ती
हौज़ा / "फ़तवा देना और फ़तवा जारी करना एक विशेषता और अनुभव है और इसके लिए बहुत ज्ञान की आवश्यकता होती है, साथ ही मुफ्ती के लिए वर्तमान युग में धार्मिक तर्कों और इसके विभिन्न आयामों और जटिलताओं को जानना आवश्यक है।