۱۵ تیر ۱۴۰۳
|۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 5, 2024
फ़रज़्दक़
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अमरोहा में 'उर्दू मरसिए के पांच सौ साल' पुस्तक का विमोचन
हौज़ा / इस पुस्तक की ऐतिहासिक और दस्तावेजी स्थिति इस अर्थ में पक्की और स्थिर हो गई है कि इसमें मौला अली (अ.स.), सैय्यदा ताहेरा बीबी फातिमा ज़हरा (स.अ.) और जनाबे अकील इब्न अबी तालिब की बेटी के अरबी मरसिए और प्रसिद्ध अरबी शायर जनाब फ़रज़्दक़ के मरसीए उर्दू अनुवाद के साथ सम्मिलित है।