हौज़ा/दुआ के क़ुबूल होने की एक शर्त यह है कि उसे पूरे ज़ेहन व दिल की पूरी तवज्जो से माँगें, कभी कभी सिर्फ़ ज़बान से कहा जाता है ए अल्लाह मुझे माफ़ कर दे, ऐ अल्लाह मेरी रोज़ी बढ़ा दे, ऐ अल्लाह…