हौज़ा / क्या ऐसे कपड़ों में नमाज़ पढ़ी जा सकती है कि जिन पर इंसान या हैवान की फोटो (तस्वीर) बनी हुई हो लेकिन वह किसी दूसरे लिबास के नीचे छुपी हुई हो?