बाबे शोहदा ए कर्बला
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शोहदा ए कर्बला में अबुसमामा अम्र बिन अब्दुल्लाह सैदावी की महान कुर्बानी
हौज़ा / आप का पूरा नाम अम्र इब्ने अब्दुल्लाह इब्ने कैब इब्ने शरजील इब्ने उमर इब्ने हाशिद इब्ने जशम इब्ने हैरदन इब्ने औफ बिन हमदान साअएदी अल-सैदावी था और कुन्नियत अबू समामा था।
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हरम ए इमाम अली अ.स. में अरबईन के मौके पर बड़ी संख्या में ज़ायरीन उपस्थित हुए।फोटो
हौज़ा / अरबईन को मौके पर नजफ अशरफ में बड़ी संख्या में ज़ायरीन उपस्थित हो रहे हैं, इस मौके पर ज़ायरीन कि खिदमत के लिए ज़रूरत की चीज़े उपलब्ध हैं।
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शोहदा ए कर्बला में जौन बिन हवी गुलामे गफ्फारी की महान कुर्बानी
हौज़ा / जनाबे जौन अबुज़र गफ्फारी के गुलाम थे आप को आले मोहम्मद से वही खुसूसियत हासिल थी जो अबुज़र को थी जौन पहले इमामे हसन अ.स. की खिदमत में रहे फिर इमामे हुसैन अलै० की खिदमत गुज़ारी के शरफ से बहरावर हुए आप इमामे हुसैन अलै० के हमराह मदीने से मक्का और वहां से कर्बला आए और आप ने कर्बला में महान कुर्बानी पेश की।
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शोहदा ए कर्बला में वहब इब्ने अब्दुल्लाह अलकलबी की महान कुर्बानी
हौज़ा / हज़रत वहब इब्ने अब्दुल्लाह इब्ने हवाब कलबी आप बनी क्लब के एक फर्द थे हुस्नो जमाल में नजीर न रखते थे आप खुश किरदार और खुश अतवार भी थे और आपने कर्बला के मैदान में दिलेरी के साथ दर्जऐ शहादत हासिल किया।
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शोहदा ए कर्बला में बशीर इब्ने उमरअलकंदी की महान कुर्बानी
हौज़ा / बशीर इब्ने उमर इब्ने अहदोस अलह्ज्ररमी अलकनदी था आप हजरे मौत के रहने वाले थे और आप का शुमार कबीला-ऐ-कनदी में होता था आप ताबइ और बड़ी फज़िलातो के मालिक थे आप का और आपके लड़कों का ज़िक्र अक्सर तारीखी जंग में आता है। आप कर्बला में इमाम हुसैन की खिदमत में हाज़िर हुए और आपनी महान कुर्बानी पेश की।
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शहीद ए कर्बला में सवारा इब्ने अमीर अलमेहरानी की महान शहादत
हौज़ा /आपका पूरा नाम सवार इब्ने मनगम जबिस इब्ने अबी अमीर इब्ने नैह्मल हमदानी है।आप हमदान के रहने वाले थे । आशूर के पहले दूसरी और दसवी के अन्दर किसी तारिख को कर्बला पहुचे थे आपके नाम के साथ लफ्ज़ “नेहमी”अपने दादा की तरफ इंतेसाब की वजह से लगा हुआ है बाज़ उलमा ने नेहमी को फहमी तहरीर फरमाया है।
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शोहदा ए कर्बला में हबीब इब्ने मज़ाहिर अल असदी की कर्बला के मैदान में महान कुर्बानी
हौज़ा/हबीब इब्ने मज़ाहिर अल असदी आपके अलकाब में फाज़िल, कारी, हाफ़िज़ और फकीह बहुत ज़्यादा मशहूर है। इनका सिलसिला-ऐ-नसब यह है की हबीब इब्ने मज़ाहिर इब्ने रियाब इब्ने अशतर इब्ने जुनवान इब्ने फकअस इब्ने तरीफ इब्ने उम्र इब्ने कैस इब्ने हरस इब्ने सअलबता इब्ने दवान इब्ने असद अबुल कासिम असदी फ़कअसी हबीब के पद्रे बुजुर्गवार जनाबे मज़ाहिर हज़रत ए रसूले करीम स.ल. की निगाह में बड़ी इज्ज़त रखते थे
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मोहर्रम के मातमी जुलूस में या हुसैन की गूंजी सदाएं
हौज़ा/गाजियाबाद,ऐ सैयदा के लाल तुझको उम्र भर रोएंगे हम, हम फकत पैदा हुए रोने रुलाने के लिए इन पंक्तियों के साथ नोहाख्वानी व सीनाजनी करते हुए शिया सोगवारों ने नवासा ए रसूल हज़रत इमाम हुसैन की याद में आंसू बहाए। ताजिये के साथ जुलूस इस्लामनगर से बरामद हुआ, जिसमें हजारों सोगवारों ने शिरकत कर शोहदा-ए करबला को खिराज ए अकीदत पेश किए
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मुंबई में भारत का पहला गेट "बाबे शोहदा ए कर्बला" का उद्घाटन
हौज़ा / मुंबई में उलेमा और खोजा फेडरेशन द्वारा आयोजित ईदे मिलादुन्नबी (स.अ.व.व.) के अवसर पर "बाबे शोहदा ए कर्बला" का उद्घाटन किया गया है।