बिहरूल अनवार,भाग 104,पेंज 42,हदीस 52 (10)
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दिन की हदीस:
धार्मिकक़यामत के दिन उलेमा का दर्जा
हौज़ा / हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने एक रिवायत में क़यामत के दिन उलेमा के दर्जा को बयान फरमाया है।
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दिन की हदीस:
धार्मिकसखावत की पसंदीदा सूरत
हौज़ा / हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में सखावत की पसंदीदा सूरत को बयान फरमाया हैं।
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दिन की हदीस:
धार्मिकमौत के बाद भी जारी रहने वाले तीन आमाल
हौज़ा / हज़रत रसूल अल्लाह स.ल. ने एक रिवायत में तीन ऐसे आमाल का ज़िक्र किया है जो मौत के बाद भी जारी रहेगा।
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दिन की हदीस:
धार्मिककयामत के दिन तीन भाग्यशाली लोग
हौज़ा / हज़रत इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में कयामत के दिन तीन खुशकिस्मत लोगों की पहचान कराई हैं।
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दिन की हदीस:
धार्मिकवह आंख जो कयामत के दिन नहीं रोएगीं।
हौज़ा / हज़रत रसूल अल्लाह स.ल. ने एक रिवायत में हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम पर रोने के सवाब को बयान फरमाया हैं।
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दिन की हदीस:
दुनियानमाज़े तहज्जुद का महत्व
हौज़ा / हज़रत इमाम जफार सादीक अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में नमाज़े शब की अहमियत को बयान फरमाया हैं।