۴ آذر ۱۴۰۳
|۲۲ جمادیالاول ۱۴۴۶
|
Nov 24, 2024
बेइन्तेहा ज़ुल्म
Total: 1
-
बेइन्तेहा ज़ुल्म पर एक ग़ैरतमंद क़ौम का स्वाभाविक जवाब
हौज़ा/इतिहास गवाह है कि ज़ालिम ने हमेशा तरह तरह के ज़ुल्म के ज़रिए पीड़ित इंसानों पर क़ाबू पाने की कोशिश की ताकि हमेशा के लिए अपना वर्चस्व क़ायम रख सके लेकिन नतीजा इसके बरख़िलाफ़ ज़ाहिर हुआ फ़िरऔनों से लेकर यज़ीदों तक सब के सब मूसा और हुसैन जैसों के सामने मिट गए और मज़लूमों ने अस्थायी कठिनाइयों के मुक़ाबले में दृढ़ता दिखाकर साम्राज्यवादियों पर फ़तह हासिल की।