हौज़ा / अगर हम ग़फ़लत करें अपनी ज़बान की हिफाज़त न करें बेवजह आपत्तियाँ करें, सब्र न करें, हालात का गलत विश्लेषण करें और मदद करने में कोताही बरतें, तो यह भी ऐतिहासिक स्तर पर रास्ता बदल सकता है…