हौज़ा / सुलतानपुर के खैराबाद में इमामबारगाह बेगम हुसैन अकबर में शब-ए मेराज का भव्य महफिल आयोजित किया गया इस कार्यक्रम में शायरों ने अपनी रचनाओं से लोगों का दिल जीत लिया।
हौज़ा / इस्लामी समाज की आस्था ही आर्थिक मामलों में ईश्वरीय नियमों को स्वीकार करने का आधार है। किसी धार्मिक समाज में सूदखोरी से दूर रहना इस समाज में धर्मपरायणता का प्रतीक है।