۲ آذر ۱۴۰۳
|۲۰ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 22, 2024
बेहतर है कि सलाम ना किया जाए
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शरई अहकाम:
मस्जिद में दाखिल होते वक्त सलाम करने का क्या हुक्म हैं इसलिए की सलाम करना नमाज़ीयों की तवज्जो हट जाने का सबक बनता हैं।
हौज़ा/बेहतर है कि सलाम ना किया जाए