भोपाल
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महान साहबी अबू ज़र गफ़्फ़ारी आजादी के प्रतीक माने जाते थे: मौलाना सैयद हैदर अब्बास रिजवी
हौज़ा / मौलाना ने दो टूक कहा कि उस समय के मुस्लिम शासक अबू ज़र को पसंद नहीं करते थे क्योंकि अबू ज़र पैगंबर का फरमान पेश करते थे और उनकी कमियों की ओर शासकों का ध्यान आकर्षित करते थे। इस अपराध के लिए उन्हें देश निकाला दिया गया था। अबू जर का वनवास जिसने इस दुनिया में भी आजादी का नारा बुलंद किया।
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मुस्लिम युग के अवशेष अपनी दुर्गत पर शिकायत करते हुए
हौज़ा / मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बेगमो के शासन काल मे बावड़ियों का निर्माण किया गया था। किसी ने पूरे शहर की प्यास बुझाई तो किसी ने कुछ साल पहले तक आधे भोपाल की प्यास बुझाई। हालांकि, अब सरकार की असावधानी के कारण इन बावड़ीयो को नष्ट किया जा रहा है।
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जज़्बे को सलाम, मुस्लिम व्यक्ति ने अपना रिक्शा एम्बुलेंस में बदल कर निशुल्क सेवा प्रदान कर रहा है
हौज़ा / कोरोना वायरस के सबसे खराब स्थिति मे भारत के एक मुस्लिम रिक्शा चालक ने अपने रिक्शा को एम्बुलेंस में बदल दिया है और रोगियों को मुफ्त सेवा प्रदान करना शुरू कर दिया है। "इस काम के लिए, उनकी पत्नी ने अपना सोने का लाकिट बेचा ताकि हम मुफ्त में मरीजों की मदद कर सकें"।