۱۰ مهر ۱۴۰۳
|۲۷ ربیعالاول ۱۴۴۶
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Oct 1, 2024
मजलिस को खिताब फरमाते
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इलाही नुमाइन्दे इंसान की रूहानी तरक्की के लिए आए थे । मौलाना अली अब्बास खान
हौज़ा / लखनऊ की तारीखी शाह नजफ़ इमामबाड़े, हज़रतगंज में रात 9 बजे अशरे का इनकाद किया गया है जिसको मौलाना अली अब्बास खान साहब ख़िताब मौलाना ने फरमाया,इंसान निजाम ए इलाही को पहचाने और अपनी ज़िम्मेदारी को पहचाने इलाही नुमाइन्दे इंसान की रूहानी तरक्की के लिए आए थे, दुनियावी तरक्की इंसान खुद कर सकता है लेकिन एक अच्छा इंसान नहीं बन सकता।
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मोहर्रम रस्म नहीं बल्कि किरदार साज़ी का नाम हैं, हुज्जतुल इस्लाम वाल मुस्लिमीन मौलाना शाहान हैदर कुम्मी
हौज़ा/कुम अलमुकद्देसा में आठवीं मोहर्रम की मजलिस को खिताब फरमाते हुए हुज्जतुल इस्लाम वाल मुस्लिमीन मौलाना शाहान हैदर कुम्मी ने कहा कि मोहर्रम कोई रस्म नहीं है कि जिसको आदा कर दिया जाए तो काफी है बल्कि मोहर्रम किरदार साज़ी का नाम हैं।
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हुसैनी मार्ग पर चलने का नाम ही कामयाबी हैं।हुज्जतुल इस्लाम मौलाना शबीहुल हसन खान
हौज़ा/मजलिस को खिताब फरमाते हुए मौलाना ने कहा कि हमेशा हुसैनी बनकर रहें और इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के बताए हुए मार्ग पर ।चलने की कोशिश करें