۲ آذر ۱۴۰۳
|۲۰ جمادیالاول ۱۴۴۶
|
Nov 22, 2024
मजलिस वहदत ए मुस्लेमीन पाकिस्तान
Total: 2
-
अरबईन का दिन इमामे ज़माना अलैहिस्सलाम के ज़ूहुर करीब करने का दिन हैं
हौज़ा/जब ज़ुल्म के खिलाफ और हक के समर्थन में हम निकलेंगे इमाम के ज़ुहूर के लिए वातावरण अनुकूल होगा,ज़रूरत है कि हम इस दौर के य़ज़िदीयत के खिलाफ हक़ की आवाज को बुलंद करें और किरदार ए ज़ैनबी अंजाम दें।
-
रोज़े आशूर बंदगी और इताअत की अज़ीम मेराज का नाम है, अल्लामा राजा नासिर अब्बास जाफरी
हौज़ा / ख़ालिके कायनात के चुने हुए बंदो ने दीने इलाही की सर बुलंदी और दिफा के लिए अपने घरबार कुर्बान कर यह साबित कर दिया कि सत्य और धार्मिकता के लिए सब कुछ लुटाा जा सकता है लेकिन सत्य के मार्ग को नहीं छोड़ा जा सकता है।