मतदान
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वोट; जो इमाम अल-ज़माना (अ) से युद्ध के हुक्म मे है !!
हौज़ा / सभी वोट देने जाऐं और कोई घर पर नहीं रहे। अच्छा और पसंदीदा काम है लेकिन काफ़ी नही है क्योकि जानबूझकर पश्चिमी संस्कृति को बढ़ावा देने वालों को वोट देना इमाम अल-ज़माना (अ) से युद्ध करने जैसा है।
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चुनाव एक दिन में होता है लेकिन उसका प्रभाव कई साल तक बाक़ी रहता है, आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई
हौज़ा / ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उजमा सैयद अली खामेनेई ने बल देकर कहा कि मतदान में सभी भाग लें, चुनाव को अपना समझें कि यह वास्तव में आपका ही है, ईश्वर से मदद और मार्गदर्शन की प्रार्थना कीजिए और जिस उम्मीदवार को आप अच्छा व योग्य समझें उसे ही जा कर वोट दें। आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा कि पिछले 42 साल से दुश्मनों के कुप्रचार का एजेंडा यह रहा है कि वे चुनाव से पहले यह कहते हैं कि जनता भाग नहीं लेगी और जब जनता भाग लेती है तो कहते हैं कि चुनाव में धांधली हुई है और निर्वाचित राष्ट्रपति के बारे में कहते हैं कि उसके पास कोई अधिकार ही नहीं है।
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मजमा-ए उलेमा खुतबा मुंबई:
औक़ाफ़ के मुतावल्लियो ने दुसाहसि वसीम रिज़वी के पक्ष में मतदान करके साबित कर दिया कि उनकी नजर मे कुरान और अहलेबेैत (अ.स.) का कोई महत्व नहीं हैं।
हौज़ा / मजमा-ए उलेमा खुतबा की तमाम खुतबा, मोमेनीन, अंजुमनो और धार्मिक संस्थाओं से अपील करता है। कि सब मिलकर एक साथ विरोध करे उनका सामाजिक बहिष्कार हो। उन्हें मस्जिदों, इमामबाड़ों और अन्य धार्मिक केंद्रों और संस्थानों से दूर रखा जाए। उन्हें किसी भी तरह के कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाए, उनके यहां किसी मजलिस या महफिल को संबोधित नहीं किया जाए। उनकी देखरेख में किसी भी प्रकार का कोई चंदा न दिया जाए।