۴ آذر ۱۴۰۳
|۲۲ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 24, 2024
मरजय ए इकराम
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शरई अहकाम:
क्या एक निगाह में ना महरम को देख सकते हैं?
हौज़ा/अक्सर लोग ना महरम औरत को एक ही निगाह में ज़्यादा देर तक देखते हैं जबकि अम्दन और जानबूझकर ना महरम को लज़्जत की निगाह से देखना हराम हैं।
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आयतुल्लाह सैय्यद मोहम्मद सादिक रूहानी फिक्ह के मैदान में एक बेहतरीन और माहिर फकीह थें,आयतुल्लाह सुबहानी
हौज़ा/आयतुल्लाह सुबहानी ने एक शोक संदेश जारी करते हुए आयतुल्लाह रूहानी के निधन पर दु:ख व्यक्त किया हैं।