۱۵ تیر ۱۴۰۳
|۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 5, 2024
मरहूम
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रसमों को दीन का नाम ना दें! मौलाना सैय्यद सफी हैदर जै़दी
हौज़ा/ तंज़ीमुल मकातिब के सचिव ने कहा कि इसालो सवाब का तरीका सिर्फ मजलिस बरपा करना और खाना खिलाना ही नहीं है बल्कि नमाज़े जमात कायेम करके भी मरहूमीन को इसका सवाब पहुंचाया जा सकता है। रीति रिवाज रस्मों को दीन का नाम देकर अंजाम देना इंसान को या तो किसी वाजीब से महरूम कर देता है। या किसी मुस्ताहब काम से भी दूर कर देता है।
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मौलाना वसीम हैदर मरहूम पूरी जिंदगी निडर होकर अहलेबैत का दिफा करते रहेंः सैय्यद हमीदुल हसन
हौज़ा / मौलाना वसीम हैदर साहब का निधन कौम के लिए और दीनी मदरसों के लिए विशेष रूप से नाज़िमीया मदरसा के लिए एक बड़ी त्रासदी है।
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कारगिल में हज़रत हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद मुहम्मद सईदुल हकीम की मजलिसे तरहीम और फतेहा ख्वानी
हौज़ा/हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद मुहम्मद सईदुल हकीम की मजलिसे तरहीम और फतेहा खवानी के लिए इमाम खुमैनी मेमोरियल ट्रस्ट कारगिल में दो दिवसीय फतेहा ख्वानी और मजलिसे तरहीम का आयोजन किया गया हैं।