۱۳ تیر ۱۴۰۳
|۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 3, 2024
मस्जिद काला इमाम बड़ा पीर बुखारा
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लखनऊ; काला इमामबाड़ा में दुआ ए अरफ़ा और मजलिस ए अज़ा
हौज़ा / मौलाना सैयद अली हाशिम आबिदी ने विश्वासियों को संबोधित किया और रोज़े अरफ़ा की महानता और महत्व को समझाया, और हज़रत मुस्लिम बिन अकील (अ) के गुणों और विशेषताओं का भी उल्लेख किया।
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हज़रत ज़ैनब (स.अ.) मानवता के लिए एक आदर्श, मौलाना सैयद अली हाशिम आबिदी
हौज़ा / जिस तरह मक्का के अशांत वातावरण में पवित्र पैगंबर (स.अ.व.व.) की साथी खदीजा थी, उसी तरह कर्बला की घटना में इमाम हुसैन (अ.स.) और इमाम सज्जाद (अ.स.) की साथी, रहस्यपाठी और उद्देश्य की रक्षक एंवम प्रचारिका हज़रत ज़ैनब (स.अ.) थी।