۲ آذر ۱۴۰۳
|۲۰ جمادیالاول ۱۴۴۶
|
Nov 22, 2024
माहाना मुनाफ़े पर तेजारत
Total: 1
-
शरई अहकाम:
माहाना मुनाफ़े पर तिजारत के लिए दूसरों को पैसे देना कैसा है?
हौज़ा/अगर आप क़र्ज़ देते हैं और यह शर्त लगाते हैं कि क़र्ज़ लेने वाला आपको हर महीने एक निर्धारित रक़म देता रहे तो यह ब्याज है और हराम है, लेकिन अगर आप किसी को अपना पूरे अख़्तियार वाला वकील बना दें कि वह आपके पैसों से आपके लिए काम करे और मिलने वाले मुनाफ़े में से कुछ आपको दे तो इसमें कोई हरज नहीं है।