माहें रमज़ान उल मुबारक,
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शरई अहकाम:
अगर कोई आदमी किसी मुश्किल की वजह से रमज़ान उल मुबारक में रोज़े ना रखे और अगले रमज़ान तक जानबूझकर उसकी कज़ा ना करें तो क्या हुक्म हैं?
हौज़ा / अगर कोई आदमी किसी मुश्किल की वजह से रमज़ान उल मुबारक में रोज़े ना रखें, और रमज़ान उल मुबारक के बाद उसकी मुश्किलात दूर हो जाए और वह आने वाले रमज़ान उल मुबारक तक जानबूझकर रोजों की कज़ा ना बजा लाए तो ज़रूरी है कि रोज़ो की कज़ा करें और हर दिन के लिए एक मुद ताम भी फकीर को दे।
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शरई अहकाम:
अगर कोई कई साल बीमार रहने के बाद ठीक हो, तो क्या पिछले सारे रमज़ान के रोज़ों की कज़ा वाजिब हैं?
हौज़ा / अगर इंसान की बीमारी कुछ वर्षों तक रहती है, तू ज़रूरी है कि ठीक होने के बाद आखरी रमज़ान उल मुबारक के छूटे हुए रोज़ो की कज़ा बजा लाए और इससे पिछले वर्षों के रोज़े के बदले एक मुद(750ग्राम) खाना फकीर को दें।
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शरई अहकाम:
माहे रमज़ान उल मुबारक में अगर कोई गुस्ले जनाबत करना भूल जाए तो क्या हुक्म हैं?
हौज़ा / माहे रमज़ान उल मुबारक में अगर कोई गुस्ले जनाबत करना भूल जाए और जनाबत की हालत में एक या कई दिन रोज़े रखता रहे तो माहे रमज़ान के बाद इन रोज़ो की कज़ा करें।
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क़ुद्स दिवस के मौके पर फिलिस्तीनियों के समर्थन और बैतूल मुकद्दस की आज़ादी के लिए कु़म अलमुकद्देसा में विशाल रैली का आयोजन/फोटो
हौज़ा / माहे रमज़ान उल मुबारक के आखिरी जुमआ को कु़म अलमुकद्देसा में विशाल रैली का आयोजन किया गया इस रैली में बड़ी संख्या में जवान, बूढ़े, महिलाएं,बच्चें,हिस्सा लिए और फिलिस्तीनियों के समर्थन और बैतूल मुकद्दस की आज़ादी के लिए नारे लगाए
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दिन की हदीस:
माहे रमज़ान उल मुबारक का दिल
हौज़ा/हज़रत इमाम जफार सादीक अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में माहे रमज़ान उल मुबारक के दिल की ओर इशारा किया हैं।
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:दिन कि हदीस
माहे रमज़ान उल मुबारक के बारे में हज़रत अली अ.स. की नसीहत
हौज़ा/हज़रत इमाम अली (अ.स.) ने एक रिवायत में माहे रमज़ान उल मुबारक में बहुत ज़्यादा दुआ व इस्तेग़फार करने की नसीहत की हैं।
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माहे रमज़ान उल मुबारक में दांतो को भरवाना या निकलवाना डॉक्टर या रोज़ेदार के लिए क्या हुक्म हैं?
हौज़ा/ रोज़ेदार के लिए इस शर्त की बिना पर कोई मुश्किल नहीं है कि रोज़ेदार को इत्मीनान हो कि खून या पानी या ऐसा कोई पदार्थ जिसके माध्यम से दांतो को भरा जाता हो उसको नहीं निग़लेगा,
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माहे रमज़ान उल मुबारक के चौथे दिन की दुआ (4)
हौज़ा/ हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
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:दिन कि हदीस
रमज़ान उल मुबारक की कामयाबीया और बरकात
हौज़ा/हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने एक रिवायत में रमज़ान उल मुबारक के मुकद्दस महीने में हासिल होने वाली कामयाबीयों और उसकी बरकात की ओर इशारा किया हैं।