माहे रमज़ान उल मुबारक में बख्शीश
-
शरई अहकाम:
माहे रमज़ान उल मुबारक में अगर कोई गुस्ले जनाबत करना भूल जाए तो क्या हुक्म हैं?
हौज़ा / माहे रमज़ान उल मुबारक में अगर कोई गुस्ले जनाबत करना भूल जाए और जनाबत की हालत में एक या कई दिन रोज़े रखता रहे तो माहे रमज़ान के बाद इन रोज़ो की कज़ा करें।
-
क़ुद्स दिवस के मौके पर फिलिस्तीनियों के समर्थन और बैतूल मुकद्दस की आज़ादी के लिए कु़म अलमुकद्देसा में विशाल रैली का आयोजन/फोटो
हौज़ा / माहे रमज़ान उल मुबारक के आखिरी जुमआ को कु़म अलमुकद्देसा में विशाल रैली का आयोजन किया गया इस रैली में बड़ी संख्या में जवान, बूढ़े, महिलाएं,बच्चें,हिस्सा लिए और फिलिस्तीनियों के समर्थन और बैतूल मुकद्दस की आज़ादी के लिए नारे लगाए
-
माहे रमज़ान के अठ्ठारहवें दिन की दुआ (18)
हौज़ा / हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व.ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
-
नजफ अशरफ हज़रत इमाम अली अ.स. के हरम में रोज़ेदारों के लिए इफ्तार की व्यवस्था/फोटो
हौज़ा / रमज़ान उल मुबारक के मौके पर नजफ अशरफ में हज़रत इमाम अली अ.स. के हरम में रोज़ेदारों के लिए इफ्तार का आयोजन
-
माहे रमज़ान उल मुबारक के उनतीसवें दिन की दुआ (29)
हौज़ा/हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
-
माहे रमज़ान उल मुबराक के अठ्ठाईसवें दिन की दुआ (28)
हौज़ा/हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
-
माहे रमज़ान उल मुबारक के सत्ताईसवें दिन की दुआ (27)
हौज़ा/हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
-
माहे रमज़ान उल मुबारक के छब्बीसवें दिन की दुआ (26)
हौज़ा/हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
-
नागपुर में कुरआन शरीफ के दरस का आयोजन/फोंटों
हौज़ा/शिया अस्ना अशरी हैदरी मस्जिद नागपुर में माहे रमजान उल मुबारक में कुरआन शरीफ के दरस का आयोजन किया गया हैं।
-
:दिन कि हदीस
माहे रमज़ान उल मुबारक के बारे में हज़रत अली अ.स. की नसीहत
हौज़ा/हज़रत इमाम अली (अ.स.) ने एक रिवायत में माहे रमज़ान उल मुबारक में बहुत ज़्यादा दुआ व इस्तेग़फार करने की नसीहत की हैं।
-
:दिन कि हदीस
माहे रमज़ान उल मुबारक में रोज़ा ना रखने का आज़ाब
हौज़ा/हज़रत इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में माहे रमज़ान उल मुबारक में रोज़ा ना रखने के आज़ाब कि ओर इशारा किया हैं।
-
माहे रमज़ान उल मुबारक में दांतो को भरवाना या निकलवाना डॉक्टर या रोज़ेदार के लिए क्या हुक्म हैं?
हौज़ा/ रोज़ेदार के लिए इस शर्त की बिना पर कोई मुश्किल नहीं है कि रोज़ेदार को इत्मीनान हो कि खून या पानी या ऐसा कोई पदार्थ जिसके माध्यम से दांतो को भरा जाता हो उसको नहीं निग़लेगा,
-
इंसानियत के परवान चढ़ाने का मौसम है माहे रमज़ान उल मुबारक: मौलाना सैय्यद हैदर अब्बास
हौज़ा/दुनिया भर के मुसलमान इन दिनो रोज़े जैसी इबादत में मसरूफ हैं तो वहीं सआदतगंज शिया यतीमखाना काज़मैन रोड के सामने मरकज़े फ़िक़्ह ओ फ़क़ाहत में मौलाना हैदर अब्बास ने बयान किया कि शियों को गुलामी की जंजीर नहीं पहनाई जा सकती क्योंकि उनके पास उड़ने के लिए दो पर हैं एक का नाम है आशूरा यानी कर्बला जो उन्हें शहादत से डरने नहीं देता और दूसरे का नाम है इंतजार जो कहता है कि ज़ालिमों आज जितना ज़ुल्म करना है कर लो आने वाला दिन हमारा होगा रहबर हमारा होगा परचम हमारा होगा,
-
माहे रमज़ान उल मुबारक के चौथे दिन की दुआ (4)
हौज़ा/ हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
-
:दिन कि हदीस
माहे रमज़ान उल मुबारक में बख्शीश की अहमियत
हौज़ा/हज़रत इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में माहे रमज़ान उल मुबारक में बक्शीश की अहमियत की ओर इशारा किया हैं।