۱ آذر ۱۴۰۳
|۱۹ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 21, 2024
मुहब्बत
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मुबल्लेग़ीन ध्यान दे;
रमज़ान के महीने के लिए एक विशेष पुस्तक प्रकाशित की गई है
हौज़ा / अब्बास मोहब्बती द्वारा लिखित पुस्तक "फ़रहंग-ए-पायह नो-मुबल्लेग़ीन" (प्रचारकों की नई बुनियादी संस्कृति) रमज़ान के पवित्र महीने के लिए प्रकाशित की गई है।
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हजरत अबू तालिब और रसूल अल्लाह जैसी मोहब्बत
हौज़ा / शिर्क करने वाला बड़ा ज़ालिम होता है इस लिए जो लोग हजरत अबू तालिब को ईमान वाला नहीं मानते वो माज अल्लाह हजरत अबू तालिब को मुशरिक समझते हैं यानी बड़ा ज़ालिम समझते हैं।
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ज्ञान वापी मस्जिद का मामला, "खोदा पहाड़, निकला चूहा" वाली कहावत बनकर रह गया!
हौज़ा / देश आस्था की बुनयाद पर नही, बल्कि क़ानून की बनुयाद पर चलता है। देश के सर्वोच्च न्यायालय और कचैरी के फैसले आस्था और जनता के जज़्बात की बुनयाद पर नही होते बल्कि तर्क और हक़ीक़त की बुनयाद पर होते है।
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हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा मज़ाहेरी: सच्चाई धर्म के लोगों का सबसे महत्वपूर्ण निशानी है।
हौज़ा/आयतुल्लाह मज़ाहेरी ने कहा: हज़रत अली अलैहिस्सलाम की हदीस के अनुसार अहलेदीन का प्रतीक है यह सच है कि यह अफ़सोस की बात है कि इस गुण को समाज में भुला दिया गया है।