۱۵ تیر ۱۴۰۳
|۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 5, 2024
मैलाना हाशिम अली
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इमाम काज़िम और इमाम रज़ा (अ) के प्यारे थे शाहचरग: मौलाना सय्यद अली हाशिम आबिदी
हौज़ा / मौलाना सय्यद अली हाशिम आबिदी ने इमामज़ादा शाह चिराग के पवित्र दरगाह पर हमले की निंदा की और कहा: दुश्मन जो विफल हो गया और बिना किसी अंत के निडर था, उसने एक बार फिर अहले-बेत (अ) के अनुयायियों को सोगवार कर दिया। लेकिन इतिहास और अतीत के अनुभव गवाह हैं कि ये हमले न तो अहले-बैत (अ.स.) के प्यार को कम कर सकते हैं और न ही जियारत और इबादत के जुनून को कम कर सकते हैं।
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करीमए अहलेबैत हज़रत फातिमा मासूमा स०अ०
हौज़ा / अल्लाह का हरम,मक्का है,रसूल स०अ० का हरम मदीना है,अमीरूल मोमिनीन अ०स० का हरम कूफा है और हम अहलेबैत का हरम,क़ुम है। जन्नत के आठ दरवाज़ो में से तीन दरवाज़े कु़म की जानिब खुलते हैं। मेरी औलाद में से एक खातून क़ुम में शहीद होंगी जिनका नाम फातिमा बिनते मूसा अ०स० होगा और उनकी शिफ़ाअत से हमारे तमाम शिया जन्नत में दाखिल होंगे।