मौलाना अरशद मदनी
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दिन की हदीसः
विवाह, मुवाहेदीन के पालन-पोषण का स्रोत
हौज़ा / पैग़म्बर (स) ने एक रिवायत में विवाह के महत्व का वर्णन किया है।
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दारुल उलूम देवबंद में ईरानी विद्वानों और शोधकर्ताओं का दौरा; ईरान धार्मिक हिंसा का समर्थक नहीं है, वह वैश्विक भाईचारा चाहता है
हौज़ा / ईरानी विद्वानों और शोधकर्ताओं का दारुल उलूम देवबंद पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया, दोनों देशों के धार्मिक नेताओं ने इस्लामी विज्ञान और कला और दारुल उलूम देवबंद के इतिहास के बारे में विस्तृत चर्चा की।
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हिंदुस्तानी सुप्रीम कोर्ट की मदारीस बंद करने पर रोक
हौज़ा / सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए मदरसों की बंदी पर रोक लगा दी है इस फैसले के बाद जमीयतुल उलेमा ए हिंद ने इस निर्णय का स्वागत किया है और इसे धार्मिक स्वतंत्रता और शिक्षा के अधिकार की रक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है।
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शरई अहकामः
बालिग़ और खुदमुख्तार लड़की विवाह हेतु पिता की इजाज़त
हौज़ा/ यदि कोई लड़की काम करती है और उसकी आय स्थिर है, केवल अपने पिता के घर में रहती है, बालिग और आज़ाद है, तो क्या उसे शादी के लिए अपने पिता की अनुमति की आवश्यकता है?
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शोधकर्ता और डॉ. मुर्तज़ा इंफेरादी के साथ बातचीत;
इमाम मूसा काज़िम (अ) को मदीना से इराक़ में जबरन निर्वासित करने का कारण
हौज़ा / हौज़ा न्यूज़ संवाददाता ने अस्तान कुद्स रिज़वी में इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के सामाजिक अध्ययन विभाग के शोधकर्ता के साथ हज़रत इमाम मूसा काज़िम (अ) के जीवन पर चर्चा की है।
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हदीस का संक्षिप्त विवरणः
अल्लाह पर किसका ईमान ख़राब है?
हौज़ा / जो गरीबी के कारण शादी नहीं करता, उसका अल्लाह और क़ुरआन पर भरोसा कमजोर होता है। रिवायत के अनुसार, जो व्यक्ति गरीबी के कारण शादी नहीं करता, वह अल्लाह में बुरा विश्वास रखता है, जबकि शादी धन के कारणों में से एक है।
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फिलिस्तीन इज़राइल जंग नहीं बल्कि ज़ालिम का मज़लूम पर हिंसा हैं।मौलाना अरशद मदनी
हौज़ा/जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा कि यह युद्ध नहीं बल्कि उत्पीड़क और उत्पीडि़त के बीच की हिंसा है। इसमें एक तरफ वो ताकतवर है जिसे दुनिया के कई शक्तिशाली देशों का समर्थन प्राप्त है। जबकि दूसरी तरफ वे लोग हैं जो असहाय हैं, जिनके पास कुछ भी नहीं है।
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भारतीय संसद में मुस्लिम सांसद का अपमान नफरत की इंतेहा हैः मौलाना अरशद मदनी
हौज़ा/ जेयूयू के अध्यक्ष ने कहा कि जो कुछ हुआ उसे देखकर कहा जा सकता है कि यह मुसलमानों के खिलाफ नफरत की इंतेहा है जो अब लोकतंत्र के सदन तक पहुंच गई है।
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नूह में मुसलमानों के खिलाफ हो रही एकतरफा कार्रवाई, मौलाना अरशद मदनी
हौज़ा/मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि मुंबई जयपुर ट्रेन में तीन मुस्लिम यात्रियों की निर्मम हत्या और नूह, मेवात के सांप्रदायिक दंगे की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए अफसोस की बात है कि नुंह में मुसलमानों के खिलाफ सिर्फ एक तरफा कार्रवाई हो रही हैं।
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जमीयत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी:
ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे पर कोर्ट का फैसला प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के खिलाफ
हौज़ा/मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि ज्ञानवापी के सर्वे को लेकर आया कोर्ट का फैसला प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के खिलाफ है।
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भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने वाले गद्दार हैं, मौलाना अरशद मदनी
हौज़ा/मुंबई के आज़ाद मैदान में जमीयतुल उलेमा ए हिंद की सभा को संबोधित करते हुए मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि इस देश में मुसलमानों को डरा धमकाकर धर्मांतरण की कोशिश की जा रही हैं।
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भारत में मुस्लिम संगठनों ने उदयपुर हत्याकांड की इस्लाम विरोधी और घृणा अपराध के रूप में कड़ी निंदा की
हौजा / जमीयत उलेमा-ए-हिंद: कानून की नजर में यह अपराध है और हमारा धर्म इसकी इजाजत नहीं देता। इसके अलावा, कई मुस्लिम संगठनों ने अपराधियों के लिए कठोर सजा की मांग की है।
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उदयपुर की घटना एक गैर-इस्लामिक और अमानवीय कृत्य है, जितनी निंदा की जाए कम हैः मौलाना अरशद मदनी
हौज़ा / जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने उदयपुर राजस्थान में पवित्र पैगंबर (स.अ.व.व.) के नाम पर होने वाली हत्या की निंदा करते हुए कहा कि जिस तरह हम विभिन्न स्थानो पर मॉब लिंचिंग के खिलाफ थे। इसी प्रकार हम इस ग़ैर इस्लामिक और अमानवीय कृत्य को भी शांति के खिलाफ खतरनाक मानते है।
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हमारी लड़ाई है देश में धर्म के नाम पर आग लगाने वालों के खिलाफ है, मौलाना अरशद मदनी
हौज़ा / जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मुखिया मौलाना अरशद मदनी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के देवबंद में कहा कि मुसलमानों की लड़ाई किसी हिंदू से नहीं, बल्कि उस सरकार के खिलाफ है जिसने धर्म के आधार पर आगजनी शुरू की है और हम कोर्ट के जरिए लड़ेंगे।
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भारतीय सुप्रीम कोर्ट पक्षपाती मीडिया के खिलाफ अलग से सुनवाई करे, जमीयत उलेमा-ए-हिंद
हौज़ा / जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने 150 से अधिक टीवी चैनलों और समाचार पत्रों की कतरनों और महत्वपूर्ण विवरणों के साथ अदालत में एक याचिका दायर की है, उन्होंने अपने कार्यों से देश की शांति, एकता और सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
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अगर तालिबान आतंकवादी है तो फिर नेहरु और गांधी भी आतंकवादी थे, मौलाना अरशद मदनी
हौज़ा / उलेमा ने हिंदुस्तान की आजादी के लिए जो किरदार अदा किया है, उसकी तुलना किसी से नहीं हो सकती। मौलाना हजरत शेखुद्दीन ने अफगानिस्तान के अंदर अंग्रेजों की मुखालफत के लिए ‘आजाद हिंद’ नाम की भारत के लिए एक अस्थाई गवर्नमेंट बनाई थी। उस गवर्नमेंट में राजा महेंद्र प्रताप सिंह को सदर, मौलाना बरकतुल्लाह भोपाली को उसका वजीर-ए-आजम और उबैदुल्लाह सिंधी को गृहमंत्री बनाया गया था। हिंदुस्तान के अंदर कितनी यूनिवर्सिटी और कॉलेज हैं, जो कोएड नहीं हैं। लड़कियों के अलग और लड़कों के लिए अलग कॉलेज हैं। तो क्या इन कॉलेजों की बुनियाद तालिबान ने रखी थी।
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मुताअस्सिब मीडिया के खिलाफ जमीयत की अहम याचिका पर हतमी बहस जल्द
हौज़ा / भारत मे कोरोना वायरस के प्रसार को मरकज़ निज़ामुद्दीन से जोड़ कर तब्लीगी जमाअत से संबंधित लोगो विशेष कर मुसलमानों की छवि खराब करने, हिंदुओं और मुसलमानों के बीच नफरत फैलाने की साजिश करने वाले टीवी चैनलों और प्रिंट मीडिया के खिलाफ मौलाना सैयद अरशद मदनी अध्यक्ष जमीयत उलेमा-ए-हिंद के निर्देश पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर पिछले कई महीनों से सुनवाई नहीं हो रही थी।
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मौलाना अरशद मदनी लगातार सातवीं बार जमीअतुल उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष चुने गए
हौज़ा/ देश की मौजूदा स्थिति, कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति और मुसलमानों की शैक्षिक स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए, जमीअतुल उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैय्यद अरशद मदनी ने जामीया के छात्रवृत्ति की राशि 50लाख से बढ़ा कर एक करोड़ कर दी। उन्होंने जमीअतुल उलेमा-ए-हिंद की कार्य समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह घोषणा की हैं।