۳۰ شهریور ۱۴۰۳
|۱۶ ربیعالاول ۱۴۴۶
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Sep 20, 2024
मौलाना गुज़ार हुसैन जाफ़री
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आंदोलनों के कशकोल में कर्बला की ख़ैरात
हौज़ा/ यह तथ्य दिन की तरह स्पष्ट है कि कर्बला के बाद इस दुनिया में, जहां भी सही आंदोलन का जन्म होता है, कर्बला की दानशीलता उसकी चेतना में होती है, क्योंकि यह त्रासदी मानवता की धड़कन में धड़कती है।