۱۵ تیر ۱۴۰۳
|۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 5, 2024
मौलाना गुलाम असकरि हॉल
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तहरीके दीनदारी को पुनर्जीवित करना चाहिए!!
हौज़ा/ तहरीके दीनदारी यानी 20वीं सदी में इमामिया स्कूलों की स्थापना एक दैवीय और आध्यात्मिक योजना थी जिसमें खतीब-ए-आज़म मौलाना सैयद गुलाम अस्करी ताबा सराह अल्लाह ताला की मदद से सफल हुए।
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बानी ए तंज़ीम कांफ्रेंस:
मुबल्लेग़ीन की उपदेश शैली खतीब ए आजम मौलाना सैयद गुलाम अस्करी जैसी हो : मौलाना मुहम्मद जाबिर जुरासी
हौज़ा / मौलाना मुहम्मद जाबिर जुरासी ने कहा कि एक कार्यक्रम में खतीब आजम ने कहा था कि हमें संदेश इस तरह पहुंचाना चाहिए कि कोई प्रतिक्रिया न हो और उन्होंने सभी प्रचारकों से अपील की कि हम इसी तरह से प्रचार करें और खतीब आजम मौलाना सैयद गुलाम अस्करी ने खुद दिल का दर्द दिखाया, यानी उनके दिल में देश का दर्द था।
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खुद को पहचाने बिना दूसरे को पहचानना संभव नहीं, मौलाना मुहम्मद हसन मारुफी
हौज़ा / तंज़ीम-उल-मकातिब के संस्थापक के हॉल में जामिआ इमामिया के छात्रों को नैतिकता का पाठ देते हुए मौलाना मुहम्मद हसन मारुफी ने कहा: स्वंय को पहचानना और स्वंय को नुकसान पहुंचाना कुरआन के दो महत्वपूर्ण विषय है।