हौज़ा/नये साल की पहली सुबह क़ुरानख्वानी व दुआ ए तवस्सुल से हुई आज बाद नमाज़ ए सुबह मौलाना जाफर रज़ा आबिदी साहब ने तकरीर कि और कहां,खुशी बाटने से बड़ती है और ग़म बाटने से कम होता है हमको अहलेबैत…