۱۵ تیر ۱۴۰۳
|۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 5, 2024
मौलाना मंजर अली आफी
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जामिया इमामिया तंज़ीमुल मकातिब में जलसा ए सीरत का आयोजन:
शहज़ादी फातिमा ज़हरा (स) का इससे बड़ा गुण क्या हो सकता है कि रसूल (स.अ.व.व.) जैसा पिता उन्हें अपनी माँ कहेः मौलाना मंज़र अली आरफ़ी
हौज़ा / जामिया इमामिया के एक शिक्षक मौलाना मंजर अली आफी ने पवित्र पैगंबर (स.अ.व.व.) की हदीस "फातिमा उम्मे अबीहा (अपने पिता की माँ)" के आलोक में कहा कि एक बेटी के लिए इससे बड़ा गुण क्या हो सकता है कि उसका पिता उसे अपनी माँ कहे वो भी रसूले अकरम जैसा पिता जो रहमुल लिल आलामीन है।