۱۵ مهر ۱۴۰۳
|۲ ربیعالثانی ۱۴۴۶
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Oct 6, 2024
मौलाना माजिद रज़ा नक़वी
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हज़रत इमाम ज़ैनुल आबेदीन अ.स. की शाने इबादत को न ज़बान और ना ही कलम से लिखा जा सकता हैं।
हौज़ा/मौलाना माजिद रज़ा नक़वी ने इमाम सज्जाद अ.स. की इबादत पर रोशनी डाली कि जिस तरह आपकी इबादत गुज़ारी में पैरवी ना मुमकिन है इसी तरह आपकी शाने इबादत की रकम तराजी भी दुशवार हैं।