۲ آذر ۱۴۰۳
|۲۰ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 22, 2024
मौलाना मुहम्मद रज़ी महदवी
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मुझे आगे बढ़ना है!!
हौज़ा / समाज बहुत तेजी से बदल रहा है, सभ्यताएं बदल रही हैं, सत्य और वास्तविकता की खोज के लिए जो चिंता जरूरी है वह अब इंसान में नहीं रही, मनोदशा में वह आत्मविश्वास है जो शांति और सद्भाव में वृद्धि की गारंटी है। वे अब वहां नहीं हैं और वे घरों में हैं, वे जमाअते जहां कुछ लोगों की मुस्कुराहट पूरे मोहल्ले को मुस्कुरा देती थी।
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मताए सग़ीर का रस्म इजरा/फोटों
हौज़ा/मताए सग़ीर मौलाना मुहम्मद सगीर ताबा सारा की कविता का एक संग्रह हैं,जिसे मौलाना मुहम्मद रज़ी महदवी ने अपने दोस्तों और परिवार की मदद से संकलित किया,