۲ آذر ۱۴۰۳
|۲۰ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 22, 2024
मौलाना सैयद गुलाम अस्करी ताबासरा
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धार्मिक सेवा के लिए दूसरे मनुष्य को सहन और क्षमा करना जरूरी : मौलाना सैयद नकी अस्करी
हौज़ा / धर्म की सेवा के लिए सबसे जरूरी चीज है शरहे सद्र का होना, यानी आदमी दूसरे को बर्दाश्त कर सके, दूसरे को सुन सके, अगर कोई अनजाने में कुछ कहता है, तो उससे झगड़े नही और भले ही कोई शत्रुता मे कोई बात कहे तो फिर भी, उसे इस हद तक उत्तर दें कि वह अपने ऊँचे लक्ष्य से विचलित न हो। यह पैगंबर स.अ.व.व. और अहलेबेत की जीवनी थी कि शरहे सद्र हर मंजिल पर दिखाई दे रहा था।