मौलाना सैयद सफी हैदर जैदी
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फोंटों/तीन दिवसीय इंटरफेथ सम्मेलन का आयोजन
हौज़ा/कर्बला मज़लूम की हिमायत एवं शांति और न्याय का अमरो अमिट आंदोलन अन्याय, अत्याचार, अपराध, आतंक और बुराइयों के मुजस्समे और क्रूर शासक के खिलाफ आवाज उठाने का नाम कर्बला हैं।
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:इन्ना लिल्लाहे व इन्ना इलाही राजेउन
हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा अल्वी गुर्गानी के निधन पर मौलाना सफी हैदर जै़दी का शोक संदेश
हौज़ा/हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद मोहम्मद अली अल्वी गुर्गानी शिक्षक और अहले बैत (अ.स.) के स्कूल के संरक्षक थे। उन्होंने कई दशकों तक मदरसे के छात्रों को प्रशिक्षित किया मैं इस दुखद घड़ी में पूरे परिवार और आपके प्रतित और सभी रिश्तेदारों की सेवा में अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।
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सिक्रेट्री तन्ज़ीमुल मकातिब लखनऊः
आले सऊद के यहूद दरिंदे अपने पूर्वजों की तरह हक़ के प्रचारकों को क़त्ल कर रहे हैं
हौज़ा / इस्लाम और मानवता के दुश्मन आले सऊद ने 12 मार्च 2022 को 81 लोगों की हत्या कर दी। 41 हुसैनी जवानों व अज़ादारों को सिर्फ इसलिए शहीद कर दिया गया क्योंकि वह हक़ बोलने वाले और हक़ के संरक्षक थे।
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संस्थापक तंज़ीमुल मकातिब हाल में मजलिस का आयोजन किया गया:
जन्नत बहाने से नहीं बल्कि अमल से मिलेगी, मौलाना हैदर अब्बास रिज़वी
हौज़ा/ अल्लाह की बारगाह में इस्तेगफार दुआ, मुनाजात, टाइम पर नमाज़ अदा करने पर ही जन्नत और अल्लाह की रहमत मिलेगी,
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रसमों को दीन का नाम ना दें! मौलाना सैय्यद सफी हैदर जै़दी
हौज़ा/ तंज़ीमुल मकातिब के सचिव ने कहा कि इसालो सवाब का तरीका सिर्फ मजलिस बरपा करना और खाना खिलाना ही नहीं है बल्कि नमाज़े जमात कायेम करके भी मरहूमीन को इसका सवाब पहुंचाया जा सकता है। रीति रिवाज रस्मों को दीन का नाम देकर अंजाम देना इंसान को या तो किसी वाजीब से महरूम कर देता है। या किसी मुस्ताहब काम से भी दूर कर देता है।
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कमाल खान एक सच्चे, ईमानदार और ज़िम्मेदार पत्रकार थे: मौलाना सैय्यद सफी हैदर
हौज़ा/जनाब कमाल खान एक सच्चे, ईमानदार और जिम्मेदार पत्रकार थे। उन्होंने लोगों के अधिकारों के लिए हमेशा आवाज उठाई, उनकी अचानक निधन दुनिया के साथ-साथ राष्ट्रीय के लिए क्षति है।
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हौज़ा न्यूज़ एजेंसी को तंज़ीमुल मकातिब कार्यालय की ओर से धन्यवाद पत्र प्रस्तुत किया गया,
हौज़ा/आप हमेशा संचार और वितरण से संबंधित मामलों में सहयोग कर रहे हैं जो’’تَعاوَنُوا عَلَى الْبِرِّ وَ التَّقْوى ‘‘ हैं आपके दीनी सेवा को अल्लाह तालआ कबूल फरमाए गा इंशाल्लाह आपका यह दिनी मदद करना हमेशा बाकी रहेगा,हम आपके समर्थन के लिए आभारी हैं और आपको शुभकामनाएं और सुरक्षा की कामना करते हैं।
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सलवात पाखंड से बचाती है : मौलाना सैयद सफी हैदर जै़दी
हौज़ा / हदीस के आलोक में सलावत के गुण की व्याख्या करते हुए, तंज़ीमुल मकातिब के सचिव ने कहा: क्या सलवात का पाठ करना किसी व्यक्ति को पाखंड से बचाता है?
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इस्लामिक दुनिया की समस्याओं का एकमात्र समाधान एकता और भाईचारा हैः मौलाना सैयद सफी हैदर जैदी
हौज़ा / तंज़ीमुल मकातिब के प्रमुख ने कहा: सामान्य रूप से मानवता की दुनिया और विशेष रूप से इस्लाम की दुनिया की समस्याओं का एकमात्र समाधान उत्पीड़ित मुसलमानों और विश्वासियों की एकता और भाईचारे में है।
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कमालात के बावजूद मुंकसेरुल मिज़ाजी मौलाना इब्ने अली वाइज़ ताबे सराह का खास्सा था, मौलाना सैयद सफी हैदर जैदी
हौज़ा / मौलाना इब्ने अली वाइज़ ताबे सराह एक उत्कृष्ट शिक्षक थे, वे एक उत्कृष्ट गुरु भी थे, जहाँ वे गद्य लेखन के विशेषज्ञ थे, वे कविता के भी विशेषज्ञ थे। वे न केवल सर्वश्रेष्ठ वक्ता थे, बल्कि सर्वश्रेष्ठ मार्गदर्शक वक्ता भी थे।
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दुआए सेहत की गुज़ारिश, मुलतमिस मौलाना सैयद सफी हैदर ज़ैदी
हौज़ा / सरबराहे तहरीके दींदारी ख़तीबे आज़म बानी तन्ज़ीम मौलाना सैयद ग़ुलाम अस्करी र०अ० की अहलिया की तबीअत काफी नासाज़ है। तहरीके दींदारी और क़ेयामे तन्ज़ीमुल मकातिब में ख़तीबे आज़म की हमराही आप का नुमायां किरदार है।
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औक़ाफ़े हुसैनी में गबन की सजा से बचने के लिए वसीम रिज़वी ने सभी सीमाएँ पार कर लीं: मौलाना सफी हैदर ज़ैदी
हौज़ा / तनज़ीमुल मकातिब के सचिव ने कहा वसीम रिज़वी ने अपनी समस्याओं को छुपाने के लिए कई अन्य मुद्दों को उठाने की असफल कोशिश की। अयोध्या मामले में एक पार्टी बनना या एक विवादास्पद फिल्म पेश करना उसी श्रृंखला में एक कड़ी थी और अंतत: पवित्र कुरान की आयतो का इनकार करके अपनी हकीकत दुनिया के सामने जाहिर कर दी ।
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तन्ज़ीमुल मकातिब के सचिवः
हुसैनी मिम्बर अहलेबैत (अ.स.) के संदेशो के प्रसारण से मख्सूस है, मौलाना सैय्यद सैफी हैदर जै़दी
हौज़ा / इमामबारगाह मासूमीन (अ.स.) के आदेशों को पूरा करने की एक जगह है। यहां लोग सीरत-ए-अहलेबैत (अ.स.) से आशाना हो। इमामबारगाह का उद्देश्य अहलेबैत (अ.स.) की शिक्षाओं को जिंदा करना है। इसी प्रकार मिम्बर का मकसद भी इन्हीं संदेशों को बयान करना है। यदि मिम्बर से इन से हटकर बाते हो लोगो की नीजि बाते सम्मिलित हो जाए तो यह देखने मे तो मिम्बर होगा लेकिन इमाम सज्जाद (अ.स.) की दृष्ठि से यह लकड़ी का ढेर होगा।
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:तनजीमुल मकातिब के सचिव
सोच में बदलाव और चेतना की ऊंचाई इस्लामी क्रांति की पहचान है, मौलाना सैयद सफी हैदर जैदी
हौज़ा / तनजीमुल मकातिब के सचिव ने कहा: दुनिया में कई क्रांतियां आई हैं लेकिन कुछ ही समय में समाप्त हो गई लेकिन इस क्रांति में धर्म केंद्र बिंदु है और लोगों की नियति कभी भी पर्दे के पीछे तय नहीं होती है और न ही उनको उनकी अज्ञानता के बेस पर उनको गुलाम बनाया जाता है। वास्तव मे लोगों की शिक्षा और प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाता है।