۵ آذر ۱۴۰۳
|۲۳ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 25, 2024
रमीज़ा गोरवेज
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इमाम रज़ा (अ.स.) की दरगाह पर जाकर मेरे टूटे हुए दिल को शांति मिल गई, बोस्नियाई तीर्थयात्री
हौज़ा / एक बोस्नियाई तीर्थयात्री जो शोक और टूटे हुए दिल के साथ इमाम अली रज़ा (एएस) के पास इस उम्मीद के साथ आया था कि वह अभयारण्य के पानी से अपने दिल के घावों और दुखों को धो देगा। आज कई सालों के बाद अपने से निराशा को दूर करते हुए हिमायत की उम्मीद के लिए इमाम रजा के पास जाकर मुशर्रफ बनी हैं।